Hindi Poetry On Love By Pushkar Chauhan | Social House

Akshay
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 Hindi Poetry On Love:- This Beautiful Romantic Hindi Poetry On Love By Pushkar Chauhan Labeled With Social House

Hindi Poetry On Love By Pushkar Chauhan Social House
Hindi Poetry On Love By Pushkar Chauhan Social House

Hindi Poetry On Love

तुम जवां हो  हसीं हो  तो इतराया ना करो
महोबत है तो इजहार करो ,घबराया ना करो
कहते है लाज शर्म गहना है लड़की का 
तुम्हें गहनों की जरूरत नहीं शरमाया ना करो

अगर डरते हो कि मोहब्बत में अंजाम क्या होगा
तो दिल की बात दिल में रखो बताया ना करो

तुम्हारे  चाहने वाले सिर्फ हम नहीं बहुत है जमाने में
अगर तुम हमें चाहते हो तो बता दो तड़पाया ना करो

तुम्हारी आंखों से तो जख्मी होते रहे हैं अक्सर

 और तुम हमें देख कर मुस्कुराते हो
मर जाएंगे हम इस हंसी से मुस्कुराया ना करो

की सुना है शराब हानिकारक है सेहत के लिए खूब

 थोड़ा रहम करो नशीले जाम आंखों से पिलाया ना करो
तुम जवा हो हसीन हो तो इतराया ना करो

वह जो एक सूरत है बड़ी ही खूबसूरत है
शिद्दत से  तो  तरहसी  हुई खुदा की मूरत है
आंखों से नजाकत और टपकता नूर है चेहरे से
वह जो चांद है अब उसकी क्या जरूरत है

उसे ही सोचता हूं अब से ही ढूंढता हूं मैं
ख्वाबों से हकीकत में लाने की जरूरत है

वो जो एक सूरत है बड़ी ही खूबसूरत है वो 

मोहब्बत से वो नजरे कुछ बचा कर घूमते हैं पर
उन्हें कैसे मैं समझाऊं मुझे उनकी ही जरूरत है

वो जो एक सूरत है बड़ी ही खूबसूरत है वो 

अक्सर उनकी तस्वीरें ही मैं देख देख कर जीता हूं
मिला नहीं तो मर जाऊंगा मिलने की जरूरत है

वो जो एक सूरत है बड़ी ही खूबसूरत है वो 

उसकी आंखों से शब्द चुराकर अक्सर गजले लिखता हूं
हर ग़ज़ल में उसको पढ़ता हूं हर ग़ज़ल में उसकी सूरत है
वो जो एक सूरत है बड़ी ही खूबसूरत है वो 



कुछ चेहरे अनजाने है कुछ पहचाने है कुछ चेहरे अनजाने है कुछ पहचाने है...यही मुलाकात बढ़ेगी तो राब्ता बढ़ेगा एक दिन सब अपने बन जाने है

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