Chhote Bachho Ki Poem Hindi:- Best Poem, Kavita, Nursery Rhymes In Hindi For Kids Or Children's.
Chhote Bachho Ki Poem Titli Rani
तितली रानी तितली रानी
कितनी प्यारी कितनी सयानी!
रंग बिरंगे पंख सजीले!
लाल, गुलाबी, नीले, पीले !
फूल फूल पर जाती हो !
गुनगुन-गुनगुन गाती हो !
कली कली पर मंडराती हो!
मीठा मीठा रस पीकर उठ जाती हो!
अपने कोमल पंख दिखाती!
सबको उनसे है सहलाती! ।
तितली रानी तितली रानी
कितनी सुन्दर, तितली रानी,
इस बगिया में आना रानी!
तितली रानी तितली रानी
Chhote Bachho Ki Hindi Poem Khargosh Bagh Mai Rehta Hai
खरगोश बाग में रहता
वो गाजर मूली खाता है
केला उसको भाता है
ऊछल कूद मचाता
भाग दौड़ भी करता
हम सबको भी भाता है
Chhote Bachho Ki Hindi Poem Nani Maa Ne Tota Pala
नानी माँ ने तोता पाला,
करता दिनभर गड़बड़ झाला,
पिंजरे में ही दौड़ लगाता,
मिछु-मिछु कह कर गाता,
जाने कब करता आराम,
नाम बताता मिळु राम।
Chhote Bachho Ki Hindi Poem Ghadi Hai Karti Tik Tik
घड़ी है करती टिक टिक टिक
गाड़ी चलती चिक चिक चिक
घंटी बजे टुन टुन टुन
गुड़िया नाचे छुन छुन छुन
घोड़ा भागे टप टप टप
पानी बरसे छप छप छप
| चिड़िया करती चूं चूं चूं
मुन्ने रोती ऊँ, ऊँ, ऊँ
Chhote Bachho Ki Hindi Poem Rail Gadi Chuk Chuk
छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी,
पो पो पी पी सीटी बजाती आयी,
इंजन है इसका भारी-भरकम।
पास से गुजरती तो पूरा स्टेशन हिलाती,
धमधम धमधम धमधम धमधम,
पहले धीरे धीरे लोहे की पटरी पर चलती।
फिर तेज गति पकड़ कर छूमंतर हो जाती,
लाल बत्ती पर रुक जाती,
हरी बत्ती होने पर चल पड़ती।
देखो देखो छुक छुक करती रेलगाड़ी,
काला कोट पहन टीटी इठलाता,
सबकी टिकट देखता फिरता।
भाग भाग कर सब रेल पर चढ जाते,
कोई टूट न पाए इसलिए,
रेलगाड़ी तीन बार सीटी बजाती।
छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी।
Chhote Bachho Ki Poem Sooraj Hindi Poem
रोज सुबह सूरज आसमान में आकर,
हम सबको नींद से जगाता है।
शाम हुई तो लाली फैलाकर,
अपने घर को चला जाता है।
दिन भर खुद को जला जलाकर,
यह प्रकाश फैलाता है।
कभी नहीं करता आलस्य,
रोज नियम से समय पर आता जाता।
कभी नहीं करता है घमंड,
बादलों के संग भी लुकाछिपी खेलता है।
उसका जीना ही जीना है,
जो काम सभी के आता है।
Chhote Bachho Ki Poem Bache Dil Ke Sacche
बच्चे दिल के सच्चे,
सबको प्यारे लगते।
हंसते मुस्कुराते बच्चे,
अपनी ही दुनिया में खोए रहते।
दौड़ भाग उछल कूद करते बच्चे,
सबको प्यारे लगते बच्चे।
तोतली बोली बोल कर,
सबको अपना बना लेते बच्चे।
ना किसी से बैर रखते बच्चे,
सबके साथ घुलमिल जाते।
अपनी बात मनवाने हो तो रो देते,
बच्चे सबको प्यारे लगते।
मासूम सी प्यारी शरारते करते बच्चे,
बच्चे दिल के सच्चे।
Aloo Ke Chalu Beta Hindi Poem
आलू के चालू बेटा कहा गए थे
बेंगन के टोकरे मैं सो रहे थे
बेंगन ने लात मारी रो रहे थे
ममी ने प्यार किया हंस रहे थे
पापा ने पैसे दिए नाँच रहे थे
भईया ने लडू दिए खा रहे थे
दीदी ने खिलौना दिया खेल रहे थे
Desh Bhakti Poem Hindi
हम छोटे छोटे बच्चे है
दांत हमारे कच्चे है
हम भी लड़ने जायेंगे
सीने पे गोली खाएंगे
मर जायेंगे मिट जायेंगे
सीने पे गोली खाएंगे
दुश्मन को मार गिराएंगे
तिरंगे को लहरायेंगे
देश की शान बढ़ायेंगे
Lakdi Ki Kathi Kathi Pe Ghoda Kavita Hindi
लकड़ी की काठी ,काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
घोड़ा पंहुचा चौक मैं
चौक मैं था नाई
घोड़े जी की नाई ने हजामत जो बनाई
तग बग तग बग
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
ला ला ला ला ला ला ला ..
घोडा था घमंडी पंहुचा सब्जी मंडी
सब्जी मंडी बर्फ पड़ी थी बर्फ से लग गयी ठंडी
तग बग तग बग
लकड़ी की काठी ,काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
घोडा अपना तगड़ा है देखो कितनी चर्बी है
चलता है मेहरोले मैं पर घोडा अपना अरबी है
पाँव उठा के दौड़ा घोडा दुम के दौड़ा
लकड़ी की काठी ,काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
ला ला ला ला ला ला ला ..
Nani Teri Mirani Ko Mor Le Gaye Poem In Hindi
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकि जो बचा था काले चोर ले गए
खाके पीके मोटे होके,
चोर बैठे रेल में
चोरो वाला डब्बा कट कर
पाहुंचा सिधे जेल में
नानी तेरी मोरानी को मोर ले गे
बाकि जो बच्चा था काल चोर ले गे
उन चोरो की खुब ख़बर ली
मोटे थानेदार ने
मोरो को भी खूब नचाया
जगल की सरकार ने
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकि जो बचा था काले चोर ले गए
अछि नानी प्यार नानी
रुसा रुसी छोड दे
जलदी से एक पइसा दे दे
तू कंजूसी छोड दे
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकि जो बचा था काले चोर ले गए
Bandar Mama Pehan Pajama Poem In Hindi
बन्दर मांमाँ ओए होए बन्दर मांमाँ
बन्दर मां पहन पजामा दावत खाने आये
नीला कुरता टोपी जूता पहन बहुत इतराये
रसगुले पे जी ललचया देख के मुँह पानी आया
नरम नरम था गरम गरम था मुँह मैं रख लिया गप से
और फिर भैया बन्दर मां की जीभ जल गयी लप से
जली जीभ को बन्दर मां मुँह से बहार लटकाये
भाग रहे थे इधर उधर करते हाय हाय
बन्दर मांमाँ ओए होए बन्दर मांमाँ
फुफु करते बन्दर मां जोर जोर चिलए
ढूंढ रहे थे ठंडा कुछ पर सूप पि गए फट से
सूप्प गरम था फिर उनकी जीभ जल गयी फट से
बन्दर मां और जोर से आय हाय चिलए
देख के पास मैं ठंडा पानी हाथ बढ़ाया खट से
एक सांस मैं सारा पानी पि गए खट
सुकून मिल जब उनको थो वापस घर को आये
बेठ कर कुर्सी पर चैन से अब थोड़ा मुस्काये
सोच के दावत की घटना थो हसी भी छूट जाये
हसी भी छूट जाये भइया हसी भी छूट जाये
आशा करते है आपको ये कुछ Chhote Bachho Ki Poem Hindi पसंद आयी होगी
***Thank You***
Chhote Bachho Ki Hindi Poem Rail Gadi Chuk Chuk
छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी,
पो पो पी पी सीटी बजाती आयी,
इंजन है इसका भारी-भरकम।
पास से गुजरती तो पूरा स्टेशन हिलाती,
धमधम धमधम धमधम धमधम,
पहले धीरे धीरे लोहे की पटरी पर चलती।
फिर तेज गति पकड़ कर छूमंतर हो जाती,
लाल बत्ती पर रुक जाती,
हरी बत्ती होने पर चल पड़ती।
देखो देखो छुक छुक करती रेलगाड़ी,
काला कोट पहन टीटी इठलाता,
सबकी टिकट देखता फिरता।
भाग भाग कर सब रेल पर चढ जाते,
कोई टूट न पाए इसलिए,
रेलगाड़ी तीन बार सीटी बजाती।
छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी।
Chhote Bachho Ki Poem Sooraj Hindi Poem
रोज सुबह सूरज आसमान में आकर,
हम सबको नींद से जगाता है।
शाम हुई तो लाली फैलाकर,
अपने घर को चला जाता है।
दिन भर खुद को जला जलाकर,
यह प्रकाश फैलाता है।
कभी नहीं करता आलस्य,
रोज नियम से समय पर आता जाता।
कभी नहीं करता है घमंड,
बादलों के संग भी लुकाछिपी खेलता है।
उसका जीना ही जीना है,
जो काम सभी के आता है।
Chhote Bachho Ki Poem Bache Dil Ke Sacche
बच्चे दिल के सच्चे,
सबको प्यारे लगते।
हंसते मुस्कुराते बच्चे,
अपनी ही दुनिया में खोए रहते।
दौड़ भाग उछल कूद करते बच्चे,
सबको प्यारे लगते बच्चे।
तोतली बोली बोल कर,
सबको अपना बना लेते बच्चे।
ना किसी से बैर रखते बच्चे,
सबके साथ घुलमिल जाते।
अपनी बात मनवाने हो तो रो देते,
बच्चे सबको प्यारे लगते।
मासूम सी प्यारी शरारते करते बच्चे,
बच्चे दिल के सच्चे।
Chhote Bachho Ki Poem Hindi For Kids |
Aloo Ke Chalu Beta Hindi Poem
आलू के चालू बेटा कहा गए थे
बेंगन के टोकरे मैं सो रहे थे
बेंगन ने लात मारी रो रहे थे
ममी ने प्यार किया हंस रहे थे
पापा ने पैसे दिए नाँच रहे थे
भईया ने लडू दिए खा रहे थे
दीदी ने खिलौना दिया खेल रहे थे
Desh Bhakti Poem Hindi
हम छोटे छोटे बच्चे है
दांत हमारे कच्चे है
हम भी लड़ने जायेंगे
सीने पे गोली खाएंगे
मर जायेंगे मिट जायेंगे
सीने पे गोली खाएंगे
दुश्मन को मार गिराएंगे
तिरंगे को लहरायेंगे
देश की शान बढ़ायेंगे
Lakdi Ki Kathi Kathi Pe Ghoda Kavita Hindi
लकड़ी की काठी ,काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
घोड़ा पंहुचा चौक मैं
चौक मैं था नाई
घोड़े जी की नाई ने हजामत जो बनाई
तग बग तग बग
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
ला ला ला ला ला ला ला ..
घोडा था घमंडी पंहुचा सब्जी मंडी
सब्जी मंडी बर्फ पड़ी थी बर्फ से लग गयी ठंडी
तग बग तग बग
लकड़ी की काठी ,काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
घोडा अपना तगड़ा है देखो कितनी चर्बी है
चलता है मेहरोले मैं पर घोडा अपना अरबी है
पाँव उठा के दौड़ा घोडा दुम के दौड़ा
लकड़ी की काठी ,काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा
दुम उठा के दौड़ा
ला ला ला ला ला ला ला ..
Nani Teri Mirani Ko Mor Le Gaye Poem In Hindi
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकि जो बचा था काले चोर ले गए
खाके पीके मोटे होके,
चोर बैठे रेल में
चोरो वाला डब्बा कट कर
पाहुंचा सिधे जेल में
नानी तेरी मोरानी को मोर ले गे
बाकि जो बच्चा था काल चोर ले गे
उन चोरो की खुब ख़बर ली
मोटे थानेदार ने
मोरो को भी खूब नचाया
जगल की सरकार ने
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकि जो बचा था काले चोर ले गए
अछि नानी प्यार नानी
रुसा रुसी छोड दे
जलदी से एक पइसा दे दे
तू कंजूसी छोड दे
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकि जो बचा था काले चोर ले गए
Bandar Mama Pehan Pajama Poem In Hindi
बन्दर मांमाँ ओए होए बन्दर मांमाँ
बन्दर मां पहन पजामा दावत खाने आये
नीला कुरता टोपी जूता पहन बहुत इतराये
रसगुले पे जी ललचया देख के मुँह पानी आया
नरम नरम था गरम गरम था मुँह मैं रख लिया गप से
और फिर भैया बन्दर मां की जीभ जल गयी लप से
जली जीभ को बन्दर मां मुँह से बहार लटकाये
भाग रहे थे इधर उधर करते हाय हाय
बन्दर मांमाँ ओए होए बन्दर मांमाँ
फुफु करते बन्दर मां जोर जोर चिलए
ढूंढ रहे थे ठंडा कुछ पर सूप पि गए फट से
सूप्प गरम था फिर उनकी जीभ जल गयी फट से
बन्दर मां और जोर से आय हाय चिलए
देख के पास मैं ठंडा पानी हाथ बढ़ाया खट से
एक सांस मैं सारा पानी पि गए खट
सुकून मिल जब उनको थो वापस घर को आये
बेठ कर कुर्सी पर चैन से अब थोड़ा मुस्काये
सोच के दावत की घटना थो हसी भी छूट जाये
हसी भी छूट जाये भइया हसी भी छूट जाये
आशा करते है आपको ये कुछ Chhote Bachho Ki Poem Hindi पसंद आयी होगी
Chidiya Rani Badi Sayani Poem
***Thank You***